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राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस

बिमारी नहीं महामारी है कैंसर दुनिया पर भारी है , लोगो को कैंसर के प्रति जागरूक करें या मिल कर कैंसर से लड़ें


कैंसर का सबसे सस्ता इलाज

वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला कैंसर का सबसे सस्ता इलाज, 2 रुपए की ये चीज जड़ से खत्म कर सकती है कैंसर

”खानें वाला सोडा ....”

कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर आई है। दुनियाभर के वैज्ञानिक जिस बीमारी के लिए सालों से इलाज ढूंढ रहे थे उसका आखिरकार तोड़ मिल चुका है। अब तक दुनिया भर में कैंसर के इलाज के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए हैं, लेकिन कोई भी दवा पूरी तरह से कैंसर को जड़ से खत्म करने में नाकाम साबित हुई है। अब तक बाजार में जो दवाएं मौजूद हैं, वो सिर्फ कैंसर को बढ़ने से रोक देती हैं। अमेरिका के लडविंग इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों के दल ने हाल ही में कुछ नए शोध किए। इस टीम की अगुवाई मशहूर कैंसर वैज्ञानिक और जॉन हॉप्किंग यूनिवर्सिटी के ऑनकोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. ची वान डैंग ने की। उन्होंने कहा कि हम सालों तक रिसर्च कर चुके हैं और अब तक कैंसर के जो भी इलाज मौजूद हैं वो काफी महंगे हैं। हमने जो शोध किया उसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। आपके किचन में रखा बेकिंग सोड़ा कैंसर के लिए रामबाण औषधि है। डॉ. डैंग के मुताबिक, हमने बेकिंग सोडा पर लंबी रिसर्च की और जो परिणाम हमने अब तक सिर्फ सुने थे वो प्रमाणित हो गए। उन्होंने बताया कि यदि कैंसर का मरीज बेकिंग सोडा पानी के साथ मिलाकर पी ले तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी और महंगी दवाओं से भी तेजी से बेकिंग सोडा ट्यूमर सेल्स को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है, बल्कि उसे खत्म भी कर देता है। डॉ. डैंग ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शरीर में हर सेकेंड लाखों सेल्स खत्म होते हैं और नए सेल्स उनकी जगह ले लेते हैं। लेकिन कई बार नए सेल्स के अंदर खून का संचार रुक जाता है और ऐसे ही सेल्स एकसाथ इकट्ठा हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ता है। इसी को ट्यूमर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि हमने ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के ट्यूमर सेल्स पर बेकिंग सोडा के प्रभाव की जांच की और हमने पाया कि बेकिंग सोडा वाला पानी पीने के बाद जिस तेजी से ट्यूमर सेल्स बढ़ रहे तो वो काफी हद तक रुक गए। उन्होंने बताया, ट्यूमर सेल्स में आक्सिजन पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो उसे मेडिकल भाषा में हिपोक्सिया कहते हैं। हिपोक्सिया की वजह से तेजी से उस हिस्से का पीएच लेवल गिरने लगता है और ट्यूमर के ये सेल एसिड बनाने लगते हैं। इस एसिड की वजह से पूरे शरीर में भयंकर दर्द शुरू हो जाता है। अगर इन सेल्स का तुरंत इलाज न किया जाए तो ये कैंसर सेल्स में तब्दील हो जाते हैं। डॉ. डैंग के मुताबिक, बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से शरीर का पीएच लेवल भी मेंटेन रहता है और एसिड वाली समस्या न के बराबर होती है। डॉ. डैंग ने बताया कि कई बार कीमोथेरेपी के बावजूद भी ऐसे कैंसर सेल्स शरीर में रह जाते हैं, जो बाद में दोबारा से शरीर में कैंसर सेल्स बनाने लगते हैं। इन्हें T सेल्स कहते हैं। इन टी सेल्स को नाकाम सिर्फ बेकिंग सोडा से ही किया जा सकता है। डॉ. वॉन डैंग ने कहा कि पहले भी ये बात आप सुन चुके होंगे कि बेकिंग सोडा कैंसर समेत कई बीमारियों का इलाज है। लेकिन अब हम प्रमाणिक तौर पर कह सकते हैं कि कैंसर का सबसे सस्ता और अच्छा इलाज बेकिंग सोडा से मिला पानी है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर हमने प्रयोग किए उन्हें दो हफ्तों पर पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर दिया और सिर्फ 2 हफ्ते में उन लोगों के ट्यूमर सेल्स लगभग खत्म हो गई ! TATA मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. राजेन्द्र ए. बडवे ने जोर देकर कहा कि यदि हर कोई इस समाचार को प्रसारित करता है, तो निश्चित रूप से समाज की बड़ी सेवा होगी।


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पपीते के पत्ते की चाय -
किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है।

पपीते के पत्ते –

तीसरी और चौथी स्टेज का कैंसर सिर्फ 35 से 90 दिनों में ठीक हो सकता है।

अब तक -

हम इंसानों ने पपीते के पत्तों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित तरीके से किया होगा... (खासतौर पर प्लेटलेट बढ़ाने या त्वचा संबंधी या अन्य किसी छोटे या बड़े प्रयोग के लिए)
लेकिन,
आज हम आपको क्या बताने जा रहे हैं -
ये वाकई आपको हैरान कर देगा.
आप सिर्फ पांच हफ्ते में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
यह प्रकृति की एक शक्ति है
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों से बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ जो -
पपीते के हर भाग जैसे फल, तना, बीज, पत्तियां, जड़ सभी में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उसके विकास को रोकने के लिए शक्तिशाली औषधि होती है।
विशेष रूप से - पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उनकी वृद्धि को रोकने के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
तो आइए जानें...
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (2010) और अमेरिका तथा जापान के अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों और शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से यह पता चला है कि -
पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने का गुण पाया जाता है।
श्री। नाम डांग - एमडी, पीएचडी जो एक आविष्कारक हैं,
उसके अनुसार -
पपीते की पत्तियां सीधे कैंसर का इलाज कर सकती हैं,
उसके अनुसार -
पपीते की पत्तियां करीब 10 तरह के कैंसर को खत्म कर सकती हैं।

इनमें से प्रमुख हैं-


स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, यकृत कैंसर, अग्न्याशय का कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर,
इसमें जितनी ज्यादा पपीते की पत्तियां डाली जाएंगी. परिणाम उतना ही बेहतर होगा.
पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कर सकती हैं और, कैंसर को बढ़ने से रोकता है।
तो आइए जानें-
पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कैसे करती हैं?
(1) पपीता कैंसर रोधी अणुओं Th1 साइटोकिन्स के उत्पादन को बढ़ाता है।
जो इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है. जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
(2) पपीते के पत्ते में पपेन नमक है - प्रोटियोलिटिक एंजाइम पाए जाते हैं,
जो कैंसर कोशिकाओं पर प्रोटीन कोटिंग को तोड़ देता है... इससे कैंसर कोशिकाओं का शरीर में जीवित रहना मुश्किल हो जाता है।
इस प्रकार,
पपीते के पत्ते की चाय-
रोगी के रक्त में मिलकर मैक्रोफेज को उत्तेजित करता है...
प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करके, कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है।
कीमोथेरेपी/रेडियोथेरेपी और पपीते के पत्तों से उपचार के बीच मुख्य अंतर यह है -
कीमोथेरेपी में – प्रतिरक्षा प्रणाली 'दबी हुई' है।
जबकि पपीता निकलता है - प्रतिरक्षा प्रणाली को 'उत्तेजित' करता है,
कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी में सामान्य कोशिकाएं भी 'प्रभावित' होती हैं।
पपीता केवल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि -
कैंसर के इलाज में पपीते की पत्तियों का भी कोई 'साइड इफेक्ट' नहीं होता है।
*कैंसर में पपीते का सेवन नियम:
कैंसर के लिए सर्वोत्तम पपीते की चाय :-
दिन में 3 से 4 बार बनाएं पपीते की चाय यह आपके लिए बहुत फायदेमंद है.

आइए अब जानते हैं -
पपीते की चाय कैसे बनाएं:-

(1) सबसे पहले 5 से 7 पपीते के पत्तों को धूप में अच्छी तरह सुखा लें। तब,
इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें.
आपके पास 500 मि.ली. पानी में - कुछ सूखे पपीते के पत्ते डालें और अच्छी तरह उबालें।
इतना उबालें कि - यह आधा रह गया है.
आप इसे 125 ml दे सकते हैं. दिन में 2 बार करी पियें। और, अगर ज्यादा बनता है तो इसे दिन में 3 से 4 बार पियें। बचे हुए तरल को फ्रिज में रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें।
इसका रखें ख्याल-
इसे दोबारा गर्म न करें.
(2) 7 ताजी पपीते की पत्तियां लें, - इसे हाथ से अच्छी तरह गूंथ लें. अब इसे 1 लीटर पानी में उबालें.
जब यह 250 मि.ली. यदि यह बढ़ जाए तो इसे छानकर 125 मि.ली. इसे 2 टाइम यानि सुबह और शाम पियें।
इस प्रयोग को आप दिन में 3 से 4 बार कर सकते हैं।
आप जितना अधिक पपीते के पत्तों का उपयोग करेंगे... उतनी ही जल्दी आपको लाभ मिलेगा.
टिप्पणी :-
इस चाय को पीने के आधे घंटे तक आपको कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए।

*कब तक करना है यह प्रयोग?

तो यह प्रयोग आपको 5 सप्ताह में अपना परिणाम दिखा देगा... हालाँकि
हम आपको इसे 3 महीने तक इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
और, ये लोग जो समझ गए हैं, उन लोगों ने उन लोगों का भी भला किया है, जिनका कैंसर 'तीसरे' या 'चौथे' चरण का था।
ये संदेश - सभी को भेजने हेतु एक विनम्र अनुरोध।
एक कतरा चाहिए...
ताकि अन्य जरूरतमंदों तक पहुंचा जा सके।
डॉ. धनेश सूरत _/कनाडा मोबाइल 99796 18999 कैंसर में 25 वर्ष का अनुभव
➖➖➖➖➖ निस्वार्थ प्रचारक
महेश्वर सुखवाल
C/O तेरहँवा ज्योतिर्लिंग
श्रृंगेश्वर महादेव
श्रृंगीधाम
तहसिल-रेलमंगरा
जिला-राजसमंद
राजस्थान 313211
वाटसप नम्बर
8484969595
कृपया इस मेसेज को आपके सभी समुहो मे भेजे हो सके किसी का भला हो जाये और आपको उसका आशीर्वाद मील जाये